मानसिक प्रवाही को कैसे शांत करें
मन की गंगा एक सतत प्रवाही है, जो कभी थमती नहीं। वह उतार-चढ़ाव हमारे जीवन का अभिन्न अंग हैं। परंतु जब यह प्रवाह अनियंत्रित हो जाता है, तो
मन की गंगा एक सतत प्रवाही है, जो कभी थमती नहीं। वह उतार-चढ़ाव हमारे जीवन का अभिन्न अंग हैं। परंतु जब यह प्रवाह अनियंत्रित हो जाता है, तो